1947th BLOG POST
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आषाढ़ी एकादशी कहा जाता है।
हिन्दू धर्म में आषाढ़ी एकादशी का विशेष महत्व है। इस तिथि से जगत के संचालक भगवान
विष्णु चार माह के लिए शयन करने चले जाते हैं, इस
तिथि से चार माह तक देवताओं की रात्रि होती है। देवता शयन करने जाते हैं, इसलिए आषाढ़ी एकादशी को देवशयनी एकादशी, हरिशयनी एकादशी, शयनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है। देवताओं के योग निद्रा में
जाने के कारण चार माह तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। इस चार माह को चातुर्मास
कहा जाता है, जिसका प्रारंभ देवशयनी एकादशी से ही
होता है। चातुर्मास में भगवान शिव और उनके परिवार की आराधना होती है। चातुर्मास
में भगवान शिव जगत के संचालक और संहारक दोनों ही भूमिका में होते हैं।
Source: Jagran.com
__________________________________________________________
Follow me on:-
My Blog:- www.WritingBuddha.com
Instagram:- https://www.instagram.com/writingbuddha/
Twitter:- https://twitter.com/WritingBuddha
Facebook:- https://www.facebook.com/WritingBuddha/
Youtube:- https://www.youtube.com/WritingBuddha/
0 CoMMenTs !!! - U CaN aLSo CoMMenT !!!:
Post a Comment